क्या आपको भी होता है आय दिन सिरदर्द । हो सकती है ये वजह


आज के भागदौड़ भरी जिंदगी के सफर में हर कोई तनाव में रहता है, जिसकी वजह से लोगो में चिड़चिड़ापन, ख़राब बर्ताव, के साथ -साथ हाई व लो ब्लड प्रेसर और शुगर जैसी बीमारियां हो रही है। तनाव ज्यादा होने पर सबसे पहले सिरदर्द होता है। तनाव खत्म होने के बाद भी बार-बार सिरदर्द होता है। लेकिनलगातार तनाव के कारण ये समस्या लगातार बनी रहती है और सिरदर्द के कारण काफी सारी तकलीफें होती है। फिर लोग दवाई लेते हैं जिनके लगातार लेने से उनके अलग ही साइड इफ़ेक्ट होते है, कुछ लोग तनाव ख़त्म करने के लिए तरह-तरह के नुस्के भी आजमाते है जैसे- गेम खेलना, वीडियो देखना, मूवीज देखना आदि। 

इसके प्रमुख कारण ये भी हो सकते है 

इसके कई तरह के करना हो सकते है जैसे हमारीगलत आदतें, खानपान में अनियमितता, क्षमता से अधिक समय तक काम या लगातार बिना किसी रेस्ट के किये जाने वाले काम भी सिरदर्द की प्रमुख वजह है। लेकिन अगर आपकी लाइफस्‍टाइल भी ठीक है और आपको अक्‍सर बेवजह सिरदर्द होता है तो इसके पीछे दूसरे कई कारण भी हो सकते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सिरदर्द के पीछे क्‍या वास्‍तविक कारण है। आइए हम आपको बताते हैं।

वातावरण है प्रमुख कारण

वातावरण में आया अचानक बदलाव, गरमी, तेज हवा, ह्यूमिडिटी भी सिर दर्द के जनक हैं। कभी-कभी सूरज की तेज रोशनी, ग्लेयर, फ्लोरेसेंट लाइटिंग या टेलिविजन स्क्रीन से भी ऐसा हो सकता है। साथ ही बहुत ठंडक होने से भी माइग्रेन होता है। ड्राई व डस्टी, महक वाले या स्टफी कमरे, जिनमें खराब वेंटिलेशन हो भी सिर दर्द के कारण हो सकते हैं, क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस निकलती है। प्रदूषण, धुंआ व सिगरेट के धुंए से भी सिर दर्द हो सकता है। कई बार तेज चुभने वाली आवाज से भी सिर में भयानक दर्द हो जाता है। इसे ही नॉयज पॉल्यूशन कहते हैं।


तनाव के कारण ज्यादा सिरदर्द 

तनाव के कारण सबसे ज्यादा सिरदर्द होता है, तनाव को कम करने के लिए लोग तरह तरह के उपाय करते है लेकिन पूर्णता तनावमुक्त होना मुश्किल है। बढ़ते तनाव के कारण सिरदर्द की समस्या पैदा होती है। बढ़ते तनाव के कारण माइग्रेन की समस्या भी पैदा हो सकती है। माइग्रेन में अक्सर सिर में स्पंदन होता है, रोशनी की ओर देखने का मन नहीं करता और उल्टी होती है।


कैफीन का ज्यादा मात्रा में सेवन करना भी एक कारण

अकसर कैफीन की अधिकता भी सिर दर्द का कारण बनती है। कुछ खाने वाली चीजों जैसे पुडिंग और केक में इतनी कैफीन होती है कि उन्हें खाने से सिर में दर्द हो जाता है। कुछ पेय पदार्थो जैसे कोला, कॉफी, लिकर और चाय के सेवन से भी ऐसा ही होता है। इनमें से कुछ खाना हो तो अधिक मात्रा में न खाएं। इस पर भी ध्यान रखें कि जिनमें मोनो सोडियम ग्ल्यूटामेट हो, जैसे प्रोसेस्ड मीट और फिश, खमीर से बेक्ड खाना, रेड वाइन, सिट्रस फ्रूट और आर्टिफिशियल स्वीटनर वाली चीजें, अपने भोजन से एकदम कम कर दें।

दबाव में दिमाग का काम करना बंद होना

कई बार बहुत ठंडी आइसक्रीम या जमा हुआ कोल्ड ड्रिंक पीने से लगता है कि सिर में दर्द हो गया। इसे ही बेन फ्रीज कहते हैं, जो बहुत ठंडा खाने से या पीने से होता है। यदि आपको माइग्रेन की शिकायत है तो आपको इस ठंडे सिर दर्द से बच कर रहना पड़ेगा। इसके लिए बहुत ठंडे व फ्रीज्ड पदार्थ खाने-पीने से जहां तक हो सके बचें।



कपड़ों के कारण भी हो सकती है दिक्कत 

बहुत चुस्त कपड़े व टाइट बेल्ट लगातार एब्डॉमेन पर दबाव डालते हैं, जिससे अकसर सिर दर्द होता है। अधिक देर तक पेट को भीतर दबा कर रखने से कभी-कभी लगता है कि सिर फट जाएगा। इससे बचने के लिए आरामदायक कपड़े पहनें और खाना खाते समय पेट को टाइट न रखें। 
 

ग्रेस्ट्रोनॉमी के कारण

बहुत मिर्च-मसाले का खाना खाने से, खाना मिस करने से और हैवी खाना खाने या जंक फूड खाने से पेट में जलन व गैस बनने की समस्या होती है। जिन्हें अधिक गैस बनती है उन्हें भी सिर दर्द परेशान करता है। ऐसे खाने से बचें, जो एसिड बनाते हों। खाना खाने के तुरंत बाद लेटने से भी गैस्ट्रिक की समस्या होती है। कम से कम सोने के दो घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए। इसके अलावा खूब पानी पिएं।



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