डिजिटल सिग्नेचर, डिजिटल मैसेज या डाक्यूमेंट्स के वेरिफिकेशन की पुष्टि करने के लिए एक मैथमेटिकल योजना है. एक वैध डिजिटल सिग्नेचर किसी प्राप्तकर्ता को यह विश्वास करने का मजबूत कारण देता है यह कि यह डाक्यूमेंट भेजने वाले द्वारा वेरिफ़िएड भेजा गया है.
डिजिटल सिग्नेचर क्रिप्टोग्राफिक प्रोटोकॉल सुइट्स का एक मानक तत्व है जो आमतौर पर सॉफ्टवेयर वितरण, वित्तीय लेनदेन, अनुबंध, प्रबंधन और अन्य मामलो में यूज़ किया जाता है जहा इससे किसी भी प्रकार की जालसाजी या छेड़छाड़ नहीं की सकती। डिजिटल सिग्नेचर अक्शर इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर को अप्लाई करने के लिए यूज़ किया जाता है।
जबसे इंटरनेट का यूज़ बढ़ा है तबसे सभी चीजे ऑनलाइन हो गयी है यानी डिजिटल हो गयी है। अब कागज व् पेन से ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल हो रहा है और सरकार ने भी डिजिटल चीजों को बढ़ावा देने के लिए सभी चीजों को डिजिटल इंडिया से जोड़ दिया है
आईटी एक्ट 2000 के तहत इंडिया में डिजिटल सिग्नेचर मान्य है और यह सरकार द्वारा अधिकृत सर्टिफाइंग अथॉरिटी द्वारा जारी किया जाता है।
डिजिटल सिग्नेचर एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो इंटरनेट पर भेजे गए किसी डॉक्यूमेंट की सत्यता को प्रमाणित करता है।
जिस प्रकार पेपर में हाथो से किया गया सिग्नेचर यह प्रमाणित करना है पेपर में ऊपर दी गयी सम्पूर्ण जानकारी पढ़ ली गयी है और यह बिलकुल सत्य है
ठीक उसी प्रकार डिजिटल सिग्नेचर भी हमे विश्वास दिलाता है की भेजा गया डाक्यूमेंट उसी व्यक्ति ने भेजा है।
पहले कोई सर्टिफिकेट या आईडी कार्ड्स बनवाने के लिए ऑफलाइन पेपर फॉर्म भर कर सरकारी ऑफिस में जमा करना होता होता था फिर अधिकारी उसे उसकी जाँच के लिए भेजता था और जानकारी सही पाए जाने पर सर्टिफिकेट बनता था जिसे लेने हमे फिर चल कर जाना पड़ता था ऐसे ही कई चक्कर लगाने पडते थे और समय भी बहुत खर्च होता था लेकिन ऑनलाइन प्रोसेस और डिजिटल सिग्नेचर के द्वारा हम ऑनलाइन ही अपना सर्टिफिकेट बनवा सकते है।
उपयोग:
1. इनकम टैक्स रिटर्न
2. कंपनी कारपोरेशन और डायरेक्टर eKYC
3. Govt. Orders
4. e-Tenders , e-Auction
5. स्कूलों में RTE लिए
6. e-Office
7. ट्रेडमार्क
8. Courts
9. एग्रीमेंट और eSign
10. EPF, ESIC
11. Govt. dept के सभी अधिकारियों को
12. PDF Sign
आदि।
सिक्योरिटी:
डिजिटल सिग्नेचर की सिक्योरिटी जबरदस्त होती है। पेपर में किये सिग्नेचर की कॉपी की जा सकती है लेकिन डिजिटल सिग्नेचर में ऐसा संभव नहीं है। इसका उपयोग अधिकृत यूजर ही कर सकता है जिसके लिए यूजर आईडी की जरूर होती है।
फायदे:
इसका सबसे पड़ा फायदा तो यह है की किसी भी डाक्यूमेंट्स की सत्यता का पहले ही प्रमाण मिल जाता है की यह डॉक्यूमेंट फेक नहीं है जिससे इसकी असली पहचान हो जाती है। सिग्नेचर किये जाने वाले व्यक्ति की पहचान करना भी आसान होता है और पता भी लगाया जा सकता है
जब डिजिटल सिग्नेचर, भेजने वाले व्यक्ति की पब्लिक-की से वैलिडेट करता है तो यह विश्वास हो जाता है यह सिग्नेचर, भेजने वाले व्यक्ति ने ही किये है।
उसे यूज़ से समय की बचत तो होती ही है साथ ही कागज का उपयोग कम हुआ है जिससे पर्यावरण की सुरक्षित हो रहा है।
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